“पति को घर सँभालने में क्यों आती है शर्म” ? क्या आपने कभी भी इस सवाल पर गौर किया है। ऐसा क्यों है की सिर्फ औरत को ही घर सँभालने को कहा जाता है मर्द को नहीं।
पति को घर सँभालने में इसलिए आती है शर्म क्योंकि समाज के धारणा के अनुसार घर संभालना औरत का काम है मर्द का नहीं। जो पुरुष घर का काम करते है उन्हें घृर्णित नज़रों से देखा जाता है एवं उनका उपहास उड़ाया जाता है।
आप सभी ने बचपन से ही अपने घरों में भी देखा होगा की आपकी माँ ही घर की देख रेख करती है। तो आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे की आखिर पति को घर सँभालने में क्यों आती है शर्म ?
पति को घर सँभालने में क्यों आती है शर्म ?
समाज के निर्माण से ही पुरुषरूपी पहिया सिर्फ घर के बाहर का काम करता है जबकि घर सँभालने की जिम्मेवारी सिर्फ औरतों की ही होती है।
वैसे तो पति और पत्नी पारिवारिक गाड़ी के दो मजबूत पहिए के समान है पर फिर भी दोनों में बहुत सारी असमानताएं है।
नीचे बनी तालिका में मैं कुछ ऐसे बिंदुओं को दर्शा रही हूँ जिससे आप जान पाए की “पति को घर सँभालने में क्यों आती है शर्म ” ?
1. पति को घर का काम सँभालने में इसलिए शर्म आती है क्योंकि उन्हें काम करते देख लोग क्या कहेंगे |
2. लिंग – भेद के कारण |
3. घर का माहौल रूढ़िवादी हो |
4. घर सँभालने का काम मर्दों का नहीं होता ये काम तो सिर्फ औरतों का है |
5. बीवी का गुलाम कहा जाएगा |
6. नपुंसक कहलाने का डर |
7. पुरुष प्रधान समाज में इज्जत खोने का डर |
8. पुरुषवादी सोच से ग्रसित होना |
9. औरत को पैर की जूती समझना |
10. शिक्षा और समझदारी की कमी |
11. समाज के नियम को सही मानना |
चलिए अब इसे विस्तार से समझते है।
1. पति को घर का काम सँभालने में इसलिए शर्म आती है क्योंकि उन्हें काम करते देख लोग क्या कहेंगे
अक्सर हर घर में ये होता है की महिलाएं ही घर का सारा काम करते नज़र आती है।
पति सिर्फ ऑफिस का काम करते है और घर के कामों में अपनी पत्नी की ज़रा भी मदद नहीं करते।
पुरुषों को लगता है की उन्हें घर का काम करते देख लोग क्या कहेंगे बस इसी वजह से वो घर का काम नहीं करते है।
2. लिंग – भेद के कारण मर्दों को घर का काम करने में बुरा लगता है
जी हाँ औरत – मर्द के लिंग भेद के कारण पतियों को घर का काम करने में शर्म आती है।
उनके नज़रिये से घर को सँभालने की जिम्मेवारी सिर्फ महिलाओं की है ना की पुरुषों की।
ऐसी सोच है की स्त्री और पुरुष में फिर क्या अंतर रह जायेगा अगर मर्द भी घर का काम करने लगे तो ?
3. घर का माहौल जब रूढ़िवादी हो
कई पति ऐसे होते है जो वाकई घर का काम करने में शर्मिंदगी महसूस नहीं करते है।
पर घर के बाकि पुरुषों की छोटी सोच और रूढ़िवादी माहौल के कारण वो घरेलू काम करने में झिझक महसूस करते है।
ऐसे में लोगों की संक्रिण सोच उनके अच्छे स्वभाव के बीच आ जाती है।
4. इस सोच का हावी होना की घर सँभालने का काम मर्दों का नहीं होता
आप सभी इस बात को जानते है की बचपन से हमें जो सिखाया जाता है हम वही करते है।
अभिवावक बच्चों को शुरू से ही ऐसी शिक्षा देते है जिसमे लड़कियों को घर का काम करने की सीख दी जाती है जबकि लड़कों को सिर्फ आज्ञा देने की।
अब आप खुद सोचो जब एक लड़के के दिमाग में शुरू से ही ये बात डाल दी गयी हो तो वो क्या घर का काम करेगा ?
5. पति को घर सँभालने में आती है शर्म क्योंकि उन्हें बीवी का गुलाम कहा जाएगा
कई पतियों की ये सोच होती है की उन्हें घरेलु काम करते देख लोग उन्हें बीवी का गुलाम कहेंगे।
लोगों के सामने उनकी खिल्ली ना उड़े इस कारण वो घर का काम करने से झिझकते है।
आखिर मेरे समझ से ये पड़े है की अपने घर को सँभालने में गुलामी कैसी ?
6. पति को घर सँभालने में क्यों आती है शर्म – समाज के द्वारा नपुंसक कहलाने का डर
आज भी हमारे समाज में अगर कोई मर्द अपने मर्जी से अपनी बीवी का हाथ बटाँता है तो उसे नामर्द की संज्ञा दी जाती है।
लोगों की सोच कितनी घिसी – पिटी है आप इसी से अंदाज लगा सकते है।
फिर भला कौन सा पुरुष घर का काम करके खुद को नपुंसक कहलवाना पसंद करेगा।
7. पुरुष प्रधान समाज में खुद की इज्जत खोने का डर
पति को घर सँभालने में इसलिए आती है शर्म क्योंकि उन्हें लगता है समाज में उनकी इज्जत खत्म हो जाएगी।
इसी डर के कारण वो अपनी पत्नी की मदद करना , घर को संभालना पसंद नहीं करते।
उनके लिए इस पुरुष प्रधान समाज में उनका वर्चस्व ही सबकुछ होता है।
8. पुरुषवादी सोच से ग्रसित होना
कुछ पुरुषों की सोच ही ऐसी होती है की स्त्री का काम है घर को संभालना।
वो बिलकुल कट्टर पुरुषवादी सोच से ग्रसित होते है।
ऐसे पति अपनी पत्नी को ज्यादा तवज्जों नहीं देते।
9. औरत को पैर की जूती समझना
इस समाज में आज भी ऐसे पति भारी तादाद में है जो अपनी पत्नी को पैर की जूती समझते है।
उनके हिसाब से घर का काम करना उन्हें जनाना ( स्त्री ) साबित कर सकता है।
खुद के आत्मसम्मान के खातिर इन्हे घरेलू काम करना गवारा नहीं।
10. शिक्षा और समझदारी की कमी होना
समझदारी और शिक्षा के आभाव के कारण भी पति को घर सँभालने में आती है शर्म।
पर कई ऐसे लोग भी होते है जो पढ़े लिखे होते हुए भी मूर्खतापूर्ण व्यवहार करते है।
उनमे नैतिक शिक्षा की कमी होती है जिस से वो पढ़े लिखे होकर भी नासमझ ही रहते है।
11. समाज के बनाये गए नियम को सही मानना
कुछ पुरुषों के लिए समाज का नियम ही सही होता है।
अगर औरत का काम है घर संभालना तो औरत ही करे , ना की मर्द ये काम करे।
वो पहले से बनाए गए नियम पर ही चलना ज़्यादा पसंद करते है , बदलाव उन्हें पसंद नहीं।
दोस्तों तो ये है वो कारण जिससे पति को घर सँभालने में आती है शर्म। लेकिन अब समय बदल रहा है तो ऐसे में पति भी अब घर का काम करते है।
बदलते हुए समय में अब पुरुष भी घर का काम करते है 🙂
वक़्त बदल रहा है और इंसान आगे बढ़ रहा है ऐसे में मर्द भी घर का काम करते है।
पति के घर सँभालने से उनकी इज्जत नहीं जाती है बल्कि इससे उनके प्यार और नेकदिल स्वभाव को देखा जाता है।
एक अच्छा जीवनसाथी बाहर के कामों के साथ – साथ घर का काम भी अच्छे से करता है।
आपको ऐसे कई पुरुष समाज में देखने को मिल जायेंगे जो घर को सँभालते है।
मैं बीबीसी (BBC) का एक लेख शेयर कर रही हूँ जो एक हाउस हसबैंड के ऊपर है आप चाहे तो पढ़ सकते है।
घर के काम में पत्नी का हाथ बटाने में कैसी शर्म ?
मेरे पति अक्सर घर के कामों में मेरी मदद करते है।
चाहे खाना बनाना हो या सफाई करनी वो कभी मना नहीं करते।
मेरे घर पर ना होने या मेरी तबियत खराब होने पर वो घर का अच्छे से रख रखाव करते है।
इसके अलावा वो ऑफिस से आने के बाद भी मुझे मेरे कामों में मदद करते है।
उनके लिए घर हम दोनों का है तो सिर्फ घर सँभालने की जिम्मेवारी सिर्फ मेरी ही क्यों होंगी , घर उनका भी तो है।
जिस घर में पति और पत्नी साथ मिलकर घर सँभालते है यकीं मानिये आदर्श घर कहलाता है।
ऊपर तस्वीर में मेरे पति खाना बनाते हुए।
क्या पत्नी को नौकरी करनी चाहिए ?
जी हाँ पत्नी को नौकरी करनी चाहिए।
पति पत्नी दोनों ही शादीशुदा ज़िंदगी की नीव होते है ऐसे में परिवार के प्रति जितना फ़र्ज़ पति का होता है उतना ही पत्नी का भी होता है।
साथ मिलकर घर चलाने से ज़िम्मेदारियों का बोझ हल्का हो जाता है।
मेरे ख्याल से तो आत्मनिर्भर होने में कोई बुराई नहीं है।
अगर पत्नी अपनी ख़ुशी से काम करना चाहती है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
आज के बदलते समय में पति घर को सँभालते है और पत्नी नौकरी करती है।
साथ ही साथ पत्नी के कमाने से पति को काफी आर्थिक मदद मिलती है एवं बुरे समय में कोई परेशानी नहीं आती है।
अगर आप विस्तार से जानना चाहते है तो मेरे लिखे ब्लॉग क्या पत्नी को नौकरी करनी चाहिए को पढ़ सकते है।
आज के ब्लॉग में मैंने आपसबको बताया की पति को घर सँभालने में क्यों आती है शर्म और साथ ही उससे जुड़े कुछ और पहलु को भी समझाया। अगर आपको कुछ समझ में ना आया हो या कोई सवाल हो तो प्लीज आप कमेंट में बताये मैं आपके सवालों का जवाब जरूर दूंगी और साथ ही यदि आप का कोई लेख अनुरोध है तो वो भी करिए मैं कोशिश करुँगी की आपके किये गए अनुरोध पर लेख लिखू तो दोस्तों इसी के साथ आज का ब्लॉग खत्म अब मिलते हैं अगले नए ब्लॉग पर ।

नमस्ते। मेरा नाम दिव्या अरविंद पटेल है। मैं दिव्या दैनिका की संस्थापिका और मुख्य सम्पादिका हूँ। मेरा ब्लॉग मानवीय रिश्तों, विवाहित ज़िन्दगी और लोगो की अंदरूनी पहचान को उभारने के लिए समर्पित है । दिव्या दैनिका के हर लेख के पीछे मेरी खुद की ज़िन्दगी का अनुभव छुपा है।